IndiGo Crisis: देश की सबसे बड़ी घरेलू विमानन सेवा इंडिगो अपने इतिहास के सबसे बड़े परिचालन संकट का सामना कर रही है। पिछले छह दिनों में सैकड़ों उड़ानें रद्द की गईं, हवाई अड्डों पर लंबी कतारें देखी गईं। एयरलाइन ने रिफंड, शुल्क माफी और हवाई परिवहन की सुविधाएं प्रदान की हैं। यह एयरलाइन संकट क्यों उत्पन्न हुआ और अब तक क्या-क्या हुआ है, पढ़िए-
IndiGo Crisis, UP Tak News: इंडिगो कभी समय पालन और बड़े पैमाने पर उड़ानों के लिए जानी जाती थी। लेकिन पिछले छह दिनों में, उसने देशभर में सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी हैं। इसे एयरलाइन के इतिहास का सबसे बड़ा परिचालन संकट माना जा रहा है। इसका कारण है- नए नियमों के तहत पायलटों की आवश्यकता का गलत आकलन और कर्मचारियों की कमी तथा कम कर्मचारियों पर निर्भर रहने की रणनीति अपनाना। नए पायलट ड्यूटी-टाइम नियम, कर्मचारियों की कमी और कड़ाके की सर्दी में अधिक उड़ानों के कारण इंडिगो की चालक दल (क्रू) प्रणाली में कमी उजागर हुई। एयरलाइन की रणनीति में हर विमान का अधिकतम उपयोग और रात की उड़ानों को बढ़ाना शामिल था। यह रणनीति सफल नहीं हो पाई क्योंकि कई पायलटों को अनिवार्य रूप से विश्राम पर भेजा गया।
पिछले छह दिनों से भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन ने सैकड़ों उड़ानें रद्द की हैं। रविवार को उसने लगभग 650 उड़ानें रद्द कीं, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए। कई लोग महत्वपूर्ण बैठकों, नौकरी के इंटरव्यू और शादी में शामिल नहीं हो सके, जबकि कुछ यात्रियों को आपात चिकित्सा स्थिति का सामना करना पड़ा। इंडिगो भारत के घरेलू बाजार का 65 प्रतिशत नियंत्रित करती है, जिससे इस व्यवधान का देश में व्यापक असर पड़ा और हवाई अड्डों पर भीड़ जमा हो गई। टर्मिनल में निराश और गुस्साए यात्री मौजूद थे। इसके अलावा, हजारों बैग हवाई अड्डे पर बिखरे पड़े थे।
IndiGo Crisis: संकट के क्या कारण है?
विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियम लागू किए हैं, ताकि पायलटों को अधिक विश्राम मिल सके और ये नियम वैश्विक सुरक्षा मानकों के अनुरूप हों। नए नियमों में पायलटों के साप्ताहिक विश्राम समय, रात की उड़ानों की सीमा और लगातार रात की ड्यूटी पर कड़े प्रतिबंध शामिल हैं, जिससे पायलट प्रति सप्ताह कम उड़ानें संचालित कर सकते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अप्रैल 2025 में पायलटों के लिए विश्राम के नियमों पर एक दशक पुराने मामले को समाप्त कर दिया और इसे अंतिम निर्णय माना। कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत के व्यापक थकान-प्रबंधन ढांचे और विमानन जरूरतों (सीएआर-2024) की अधिसूचना प्रक्रिया ‘शुरू हो चुकी’ है और पायलट संघों द्वारा विमानन नियामक के खिलाफ दायर याचिकाओं में अब कोई मामला शेष नहीं है। सात अप्रैल, 2025 को जज तारा वितस्ता गंजू ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि सीएआर-2024 के 15 प्रावधान एक जुलाई,IndiGo Crisis: The growing popularity of budget airlines has given IndiGo a 65% market share in India; one mistake has led to such a massive crisis.
IndiGo Crisis: योजना में कमी
योजना में कमी का मुख्य कारण यह है कि इंडिगो ने नए नियमों के अनुसार कितने पायलटों की आवश्यकता है, इसका सही आकलन नहीं किया। एयरबस ए320 के लिए उन्हें 2,422 कैप्टन की आवश्यकता थी, जबकि उनके पास केवल 2,357 थे। फर्स्ट ऑफिसर्स की भी कमी थी। उनकी रणनीति केवल आवश्यक कर्मचारियों को बनाए रखने पर आधारित थी, जो रात की उड़ानों और अधिक विमान उपयोग पर निर्भर करती थी और पुराने नियमों के अनुसार काम करती थी। लेकिन नए नियमों के लागू होने के बाद उनके पास कोई अतिरिक्त आरक्षित पायलट नहीं रह गए।
IndiGo Crisis: बड़े पैमाने पर रद्द की गईं उड़ानें
दो दिसंबर को पहली बार बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने की सूचना मिली। दिल्ली, बंगलूरू, हैदराबाद और मुंबई में 150 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं और स्थिति और बिगड़ गई। प्रमुख हवाई अड्डों पर लंबी कतारें और खोए हुए बैगों के कारण अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
IndiGo Crisis: एयरलाइन की प्रारंभिक प्रतिक्रिया
इंडिगो ने तीन दिसंबर को अपनी समस्याओं को स्वीकार किया और तकनीकी गड़बड़ियों, मौसम, सर्दियों के शेड्यूल और चालक दल के नियमों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। एयरलाइन ने रिफंड और वैकल्पिक यात्रा की सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया।
IndiGo Crisis: बुकिंग और स्थिति
समस्याओं के बावजूद, इंडिगो ने नई बुकिंग जारी रखी और यात्रियों को बाद में उड़ान रद्द होने की सूचना दी। यात्रियों को अपनी उड़ानों की स्थिति जानने के लिए हवाई अड्डे पर जाना पड़ा।
IndiGo Crisis: इंडिगो ने माफी मांगी
चार दिसंबर को एयरलाइन ने औपचारिक रूप से यात्रियों से माफी मांगी। इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने तीन उपायों की घोषणा की और 10 से 15 दिसंबर तक सभी रद्द उड़ानों के लिए रिफंड, शुल्क माफी, होटल और जमीनी परिवहन की व्यवस्था की।
IndiGo Crisis: नियमों में अस्थायी छूट
डीसीजीए ने 5 दिसंबर को ए320 बेड़े को 10 फरवरी, 2026 तक कुछ रात की उड़ानों और लैंडिंग नियमों से अस्थायी छूट प्रदान की।
किराया सीमा और जांच
किराया में वृद्धि होने पर सरकार ने छह दिसंबर को हस्तक्षेप किया और सभी एयरलाइनों को किराया सीमा का पालन करने का निर्देश दिया। डीजीसीए ने सीईओ और प्रबंधक को 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का नोटिस जारी किया।
IndiGo Crisis: संकट प्रबंधन समूह बनाया
इंडिगो ने निदेशक मंडल के अध्यक्ष विक्रम सिंह मेहता और अन्य निदेशकों के साथ मिलकर संकट प्रबंधन समूह (क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप) का गठन किया। सीईओ पीटर एल्बर्स भी इस समूह में शामिल हैं और नियमित रूप से अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।
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