Mahakumbh Mela 2025: महंत रवींद्र पुरी ने मॉडल हर्षा रिछारिया के बारे में बात की, जो इस त्यौहार के कारण चर्चा में हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर्षा उत्तराखंड की बेटी हैं और उनके बारे में बुरा-भला कहना अनुचित है।
Harsha Richaria: हर्षा रिछारिया मां भगवती का रूप
Prayagraj: प्रयागराज: महाकुंभ के दौरान वायरल हो रही एंकर और मॉडल हर्षा रिछारिया पर महंत रवींद्र पुरी ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हर्षा रिछारिया मां भगवती का रूप हैं और वह उत्तराखंड की बेटी हैं। उनके बारे में गलत बातें करना बिल्कुल गलत है। महंत ने बताया कि जब कोई व्यक्ति संत बनता है, तो यह एक तात्कालिक निर्णय नहीं होता। संत बनने की प्रक्रिया काफी लंबी हो सकती है। कई लोग दो से पांच साल में संत बनने के बजाय फिर से गृहस्थ जीवन में लौट जाते हैं। महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि मॉडल और एंकर हर्ष रिछारिया को अपनी ज़िंदगी के बारे में खुद फैसला करने देना चाहिए। उन्होंने बताया कि यह उनका निजी मामला है और इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैराग्य के कई प्रकार होते हैं। कभी यह क्षणिक होता है, कभी गरीबी या अमीरी की वजह से आता है। किसी करीबी की मौत से भी वैराग्य पैदा हो सकता है। स्वामी विवेकानंद ने गरीब होते हुए भी वैराग्य अपनाया। वहीं, गौतम बुद्ध और भगवान महावीर अमीर थे लेकिन उन्होंने भी वैराग्य को चुना।
Mahakumbh Mela 2025: गौतम बुद्ध और भगवान महावीर दोनों ही संपन्न थे
उन्होंने इस मामले पर अधिक विचार न करने की सलाह दी क्योंकि यह उसके निजी जीवन से संबंधित है। उन्होंने टिप्पणी की कि वैराग्य कई रूप ले सकता है, कभी-कभी धन, गरीबी या किसी प्रियजन की मृत्यु से भी उत्पन्न होता है। उदाहरण के लिए, स्वामी विवेकानंद ने धनी न होने के बावजूद वैराग्य का अनुभव किया, जबकि गौतम बुद्ध और भगवान महावीर दोनों ही संपन्न थे, फिर भी उन्होंने त्याग का मार्ग चुना।
महंत रवींद्र पुरी ने आगामी धर्म संसद में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा सनातन बोर्ड के गठन के संबंध में की गई घोषणा पर अपनी असहमति जताई। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में शामिल नहीं हैं और उनका मानना है कि सभी को अपनी मर्जी से काम करने का अधिकार है। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि बोर्ड का उद्देश्य मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना होना चाहिए।
महाकुंभ मेले में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा
उन्होंने जोर दिया कि सभी अखाड़ों को ईमानदार सदस्यों के साथ सनातन बोर्ड में शामिल किया जाना चाहिए। बोर्ड के ढांचे पर चर्चा के लिए 27 जनवरी को महाकुंभ मेले में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले साधु-संतों से उनके सुझाव एकत्र करना है। बोर्ड के गठन में जल्दबाजी बेईमानी की ओर ले जा सकती है, क्योंकि एकता जरूरी है।
अखिलेश यादव की अनुपस्थिति के बारे में महंत रवींद्र पुरी ने समझदारी दिखाई
महाकुंभ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अनुपस्थिति के बारे में महंत रवींद्र पुरी ने समझदारी दिखाई। उन्होंने यादव को एक अच्छे व्यक्ति के रूप में पहचाना और सराहना की कि उन्होंने प्रयागराज मेले में न जाकर भी अपने पापों से शुद्धिकरण के इरादे से हरिद्वार में गंगा में डुबकी लगाई।
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Author: UP Tak News
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