India Bangladesh Tension: बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को बुलाकर भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ़ की गतिविधियों के बारे में अपनी ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की है।
India Bangladesh Tension: भारत-बांग्लादेश तनाव के कारण सीमा विवाद जारी, होगी बैठक
India Bangladesh Tension: यह मुलाकात बांग्लादेश के उन आरोपों के कुछ घंटे बाद हुई, जिसमें कहा गया कि भारत सीमा पर पांच जगहों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है, जो कि दोनों देशों के बीच समझौते का उल्लंघन है।
बैठक के बाद, भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने बताया कि चर्चा स्मगलिंग, अपराधों और ट्रैफ़िकिंग से संबंधित समस्याओं पर केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि भारत की अपराध मुक्त सीमा बनाने की प्रतिबद्धता पर बात हुई। वे यह भी बोले, “हमारी सुरक्षा को देखते हुए सीमा पर बाड़ लगाने के मुद्दे पर आपसी समझ है। बीएसएफ और बीजीबी, दोनों सीमा सुरक्षा बल इस बात पर लगातार संपर्क में हैं।”
वर्मा ने उम्मीद जताई कि यह समझदारी लागू होगी और अपराध के खिलाफ सहयोगी रवैया अपनाया जाएगा। इसके पहले, ढाका में गृह मंत्रालय के सचिवालय में एक बैठक हुई, जिसमें बांग्लादेश-भारत सीमा की स्थिति के बारे में जानकारी साझा की गई।
बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार, रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल एमडी जहांगीर आलम चौधरी ने कहा है कि बांग्लादेश अपनी सीमा पर किसी को भी अनुमति नहीं देगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत को सीमा के 150 गज के भीतर कोई रक्षा कार्य करने की इजाजत नहीं होगी।
चौधरी ने यह भी दावा किया कि बांग्लादेश की सख्ती के चलते बीएसएफ को तीन जिलों की पांच सीमाओं पर अपना काम रोकना पड़ा है।
हाल ही में, बांग्लादेश के तीन जिलों की सीमाओं पर भारत के बीएसएफ द्वारा की जा रही कुछ निर्माण गतिविधियों को लेकर बीजीबी का विरोध हुआ, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ गया है। खासकर कंटीले तारों की बाड़ लगाने के प्रयासों के कारण बांग्लादेश ने कड़ा रुख अपनाया है।
India Bangladesh Tension: किस इलाक़े में है सीमा विवाद
पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की सीमा काफी लंबी है। बांग्लादेश में बदलते राजनीतिक हालात के साथ, दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। यह सीमा राज्य के पांच जिलों से जुड़ी है। हाल के दिनों में सीमा पर कई घटनाएँ हुई हैं, जिससे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के बीच असहजता भी बढ़ गई है।
बीएसएफ और बीजीबी के जवान घुसपैठ रोकने या भारत की ओर कंटीले तार लगाने के मामले में कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। हालांकि, दोनों सुरक्षा बलों के बीच अभी तक कोई झड़प नहीं हुई है, लेकिन कई जगहों पर तनाव बना हुआ है।
भारत और बांग्लादेश के बीच की 4,156 किलोमीटर लंबी सीमा में से 3,271 किलोमीटर पर बाड़ लगाई जा चुकी है, जबकि 885 किलोमीटर पर काम अभी बाकी है। बीजीबी ने इस बाड़ के निर्माण पर कड़ी आपत्ति जताई है।
बीबीसी बांग्ला के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि बांग्लादेश की मुख्य चिंता चपैनवाबगंज, तीन बीघा कॉरिडोर, नौगांव के पटनीतला और लालमोनिरहाट में भारत का निर्माण कार्य है। बांग्लादेश का मानना है कि यह समझौते के तहत नहीं होना चाहिए।
जहांगीर आलम चौधरी ने बताया कि बांग्लादेश और भारत के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश-भारत संयुक्त सीमा निर्देश-1975 के अनुसार, जीरो लाइन के 150 गज के भीतर सुरक्षा से जुड़े काम पर स्पष्ट प्रतिबंध है।
वे बिना सहमति के ऐसा नहीं कर सकते। उन्होंने काम शुरू किया, लेकिन बीजीबी के कड़ा रुख अपनाने के कारण उन्हें इसे रोकना पड़ा।
India Bangladesh Tension: हसीना सरकार पर भारत को अतिरिक्त छूट देने के लगाए आरोप
गृह मंत्रालय के सलाहकार ने बताया कि 2010 से 2023 के बीच पिछली सरकार के दौरान कई मुद्दे उठे थे। उन्होंने कहा कि भारत ने एक पत्र लिखने का निर्णय लिया है, जिसमें पिछले सरकार के दौरान सीमा पर बनाए गए सभी एकतरफा समझौतों को रद्द करने की बात की गई है।
जहांगीर आलम चौधरी का मानना है कि भारत को ऐसा नहीं करना चाहिए था। हालांकि, उन्होंने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की सरकार पर इस स्थिति को अनुमति देने का आरोप लगाया।
चौधरी ने कहा कि 160 स्थानों पर बाड़ लग चुकी है, जबकि 78 स्थानों पर काम अभी बाकी है। बांग्लादेश की बीजीबी और भारत के बीसीएफ ने इस पर चर्चा की है। बीजीबी के सख्त रुख के कारण भारत को काम रोकने पर मजबूर होना पड़ा है।
उन्होंने याद दिलाया कि 2010 में हुए समझौते के अनुसार, तीन बीघा कॉरिडोर हमेशा खुला रहना चाहिए। हालाँकि, अब भारतीय अधिकारी सीमा पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीजीबी और स्थानीय लोगों के विरोध के कारण नौगांव में तीन बीघा कॉरिडोर और पटनीतला जैसे कई क्षेत्रों में भारत का काम रुक गया है।
India Bangladesh Tension: सीमा पर वास्तव में क्या हुआ था?
भारतीय सीमा पर नए प्रबंधन उपायों में कंटीले तारों की बाड़ लगाना और निगरानी के लिए आधुनिक कैमरे और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाना शामिल है। इसके अलावा, सुरक्षा गार्डों को चेतावनी देने के लिए विभिन्न स्थानों पर उपकरण स्थापित किए गए हैं। दूसरी ओर, बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा बल बीजीबी उन स्थानों पर विरोध कर रही है जहां भारतीय सीमा सुरक्षा बल ने जीरो लाइन के 150 गज के भीतर कंटीले तारों की बाड़ लगाई है। जहां पानी या अन्य कारणों से बाड़ लगाना संभव नहीं है, वहां निगरानी के लिए हाई पावर कैमरे वाले उपकरण लगाए जा रहे हैं।
चपैनवाबगंज के शिबगंज उपजिले में बांग्लादेश की ओर चौका सीमा पर कंटीले तार की बाड़ लगाने को लेकर तनाव बना हुआ है। यहां 1,200 गज की दूरी पर कोई कांटेदार तार की बाड़ नहीं थी, और बीजीबी ने कहा कि भारत की सीमा के अंदर 100 गज की दूरी पर मिट्टी खोदी जा रही थी। इसके विरोध में बांग्लादेश की कड़ी आपत्ति के चलते भारतीय काम रोकना पड़ा।
पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में सरकार के बदलाव के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच कई मुद्दों पर तनाव बढ़ा है। खासकर, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार और इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के मामलों में यह तनाव साफ देखा गया है। इस घटना के खिलाफ कोलकाता और अगरतला में बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए हैं।
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Author: UP Tak News
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