Republic Day: हर साल 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन जनपथ, नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय सेना की शानदार परेड और देश के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय ध्वज फहराना आम बात है। वर्ष 2025 में भारत का 76वाँ गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।
Republic Day: गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2025 पर कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए तैयार हैं? यहां कुछ छोटे भाषण, निबंध और कविताएँ हैं, जिन्हें आप मंच पर प्रस्तुत कर सकते हैं। इन्हें पढ़कर आप न केवल अपने सहपाठियों का दिल जीत सकते हैं, बल्कि उपस्थित शिक्षकों और अभिभावकों की सराहना भी प्राप्त कर सकते हैं। अपने प्रदर्शन के लिए इन सामग्री का उपयोग करें और इस खास दिन को यादगार बनाएं।
Republic Day: गणतंत्र दिवस, जो 26 जनवरी को मनाया जाता है, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उत्सव है। इसे कश्मीर से कन्याकुमारी तक बड़े धूमधाम और गर्व से सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिसों में तिरंगा झंडा फहराया जाता है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभिन्न आयोजन भी होते हैं।
Republic Day: गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर कई रंग-बिरंगी झांकियां दिखाई जाती हैं। स्कूलों में इस दिन खास कार्यक्रम होते हैं, जिनमें छात्र-छात्राएं उत्साह से भाग लेते हैं। यदि आप भी अपने स्कूल में गणतंत्र दिवस 2025 के मौके पर हिस्सा लेना चाहते हैं और भाषण या कविता पढ़ना चाहते हैं, तो इस लाइव ब्लॉग में गणतंत्र दिवस 2024 के लिए छोटे भाषण और कविताओं के आइडिया जानें। इन्हें पढ़कर आप लोगों से तालियां और प्रशंसा प्राप्त कर सकते हैं।
Republic Day: इस साल हम कौन सा गणतंत्र दिवस मनाएंगे
भारत ने संविधान को अपनाए 75 साल पूरे कर लिए हैं, और इस साल इसे 76वां गणतंत्र दिवस मनाने का मौका है। पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया, जब संविधान लागू हुआ। इस हिसाब से, 76वीं वर्षगांठ 2025 में होगी।
26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस पर भाषण और कविताओं की एक सूची तैयार करें।
Republic Day Speech, Essay, and Poem in Hindi for January 26, 2025
गणतंत्र दिवस 2025 पर स्कूली बच्चों की शॉर्ट स्पीच-1 कंठष्ठ करें ?
“आदरणीय शिक्षकगण, माता-पिता और मेरे दोस्तों, आज हम गणतंत्र दिवस के अवसर पर मिले हैं। यह दिन हमारे देश के लिए बहुत खास है। 1950 में, हमारा देश एक गणराज्य बना। हमारे देश के निर्माताओं ने हमें एक सुंदर और समृद्ध भविष्य का उपहार दिया। उन्होंने एक मजबूत संविधान बनाया, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
आओ हम सब मिलकर अपने देश को और मजबूत और समृद्ध बनाने का प्रयास करें। हमें अपने देश के निर्माताओं के सपनों को साकार करने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। इससे हम अपने देश को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जा सकेंगे। धन्यवाद!
Republic Day Speech, Essay, and Poem in Hindi for January 26, 2025
गणतंत्र दिवस 2025 पर स्कूली बच्चों की शॉर्ट स्पीच-2
नमस्ते सभी आदरणीय शिक्षकों, माता-पिताओं और मेरे प्रिय दोस्तों, आज मैं आपको हमारे देश के संविधान के बारे में बताना चाहता हूं। यह संविधान हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार देता है।
इसे बनाने में हमारे महान नेताओं और विद्वानों ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने ऐसा संविधान बनाया है जो हमें एक सुंदर और समृद्ध राष्ट्र के लिए मार्गदर्शन करता है।
चलो, हम सब मिलकर अपने संविधान का सम्मान करें और इसके नियमों का पालन करें। आइए, हम अपने देश को बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं और अपने संविधान के माध्यम से समानता, न्याय और स्वतंत्रता का लाभ उठाएं। जय हिंद! जय भारत!
Republic Day Speech, Essay, and Poem in Hindi for January 26, 2025
गणतंत्र दिवस 2025 पर स्कूली बच्चों की शॉर्ट स्पीच-3
नमस्कार सभी सम्माननीय शिक्षकों, माता-पिता और मेरे प्रिय मित्रों,
आज हम गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हमारे देश के लिए खास है, क्योंकि 1950 में हमारा देश गणराज्य बना। भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली, लेकिन तब हम एक राजतंत्र में थे। हमारे नेताओं ने एक मजबूत और न्यायपूर्ण संविधान बनाने का फैसला किया।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में संविधान सभा का गठन हुआ, जिसने हमारा संविधान बनाया। इसे 26 नवंबर 1949 को पास किया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
आज हम सब मिलकर गणतंत्र दिवस मनाते हैं और अपने संविधान का सम्मान करते हैं। चलिए, हम सभी मिलकर अपने देश को एक उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ाएं और संविधान के द्वारा समानता, न्याय और स्वतंत्रता के अधिकारों की रक्षा करें।
जय हिंद! जय भारत!
Republic Day, 26 January 2025: गणतंत्र दिवस पर छात्रों के लिए देशभक्ति कविता
Poem -1: “हमारा देश महान है, जहां विविधता में एकता है।
हमारा देश स्वतंत्र है, जहां हमें समानता और न्याय मिलता है।
हमारे देश के निर्माताओं ने, हमें एक मजबूत संविधान दिया है।
उन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई, और हमें एक समृद्ध देश बनाया।
आइए हम सब मिलकर, अपने देश को और भी महान बनाएं।
आइए हम अपने देश के लिए, काम करें और उसकी रक्षा करें।
जय हिंद! जय भारत! हमारा देश महान है।”
Poem -2: “मेरा देश मेरी जान है, मेरा देश मेरी शान है।
मैं अपने देश से प्यार करता हूं.
और उसके लिए काम करना चाहता हूं।
मेरा देश विविधता में एकता है, मेरा देश स्वतंत्रता और समानता है।
मेरा देश महान नेताओं की भूमि है, मेरा देश वीरों की भूमि है।
मैं अपने देश की रक्षा करना चाहता हूं, और उसकी एकता और अखंडता को बनाए रखना चाहता हूं।
मैं अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं, और उसके विकास में योगदान देना चाहता हूं।
जय हिंद! जय भारत! मेरा देश महान है!”
Poem-3: “आज हमारा देश महान है, गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं।
स्वतंत्रता की लड़ाई में, हमारे नेताओं ने बलिदान दिया है।
महात्मा गांधी, नेहरू और बोस, इनके सपनों को हमें पूरा करना है।
हमारा देश एक विविध और समृद्ध देश है.
जहां विभिन्न धर्मों, जातियों और संस्कृतियों के लोग रहते हैं।
आइए हम सब मिलकर, अपने देश को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाएं।
गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएं, और अपने देश के लिए काम करें।
जय हिंद! जय भारत! हमारा देश महान है।”
आज हम गणतंत्र दिवस के मौके पर एक साथ हैं। यह दिन हमारे देश के लिए बहुत खास है, क्योंकि 1950 में हमने गणराज्य का दर्जा पाया। भारत को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली, लेकिन उस वक्त हम राजतंत्र थे। हमारे नेताओं ने एक मज़बूत और न्यायप्रिय संविधान बनाने का फैसला किया।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अगुवाई में एक संविधान सभा का गठन किया गया। इसी सभा ने हमारे संविधान का मसौदा तैयार किया। इसे 26 नवंबर 1949 को मंजूरी मिली और 26 जनवरी 1950 को यह लागू हुआ।
आज हम इस दिन का सम्मान कर रहे हैं और अपने संविधान की अहमियत को समझते हैं। चलिए, हम सब मिलकर अपने देश को एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएं और हमारे संविधान के तहत समानता, न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार सुनिश्चित करें।
जय हिंद! जय भारत!
भारत को कैसे मिली आजादी और क्यों भागे अंग्रेज? आइये जानें
साल 1947 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलने के बाद हर साल 15 अगस्त को देश भर में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर उन जांबाज शहीद जवानों और हस्तियों को याद किया जाता है कि जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी थी।
लेकिन हर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मानना ही काफी नहीं है, बल्कि यह जानना भी बहुत जरूरी है कि इतने बड़े देश को कैसे ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली और क्यों अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागनी पड़ी थी?
भारत को आजादी कैसे मिली थी?
भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिलना कोई संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई वर्षों का संघर्ष, करोड़ों लोगों का बलिदान और निरंतर ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेने के बाद ही मिली थी। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, भगत सिंह और दादा भाई नौरोजी जैसे लाखों स्वतंत्रता सेनानीयों के आजादी के लिए जान तक कुर्बान का दी थी।
1757 से लेकर 1947 तक अंग्रेजों का गुलाम रहा था भारत
आजादी की लड़ाई किसी एक निश्चित तारीख में नहीं, बल्कि हर दिन होती है। कहा जाता है कि 1757 से लेकर 1947 तक भारत अंग्रेजों का गुलाम रहा और इस बीच समय-समय पर आजादी की चिंगारी चलती रहती हैं।
1857 से लेकर 1947 के बीच ऐसे कई आंदोलन और संघर्ष इतिहास के पन्नों में दर्ज है जिसकी वजह से भारत को आजादी मिली। देश के कई महान स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान के आगे ब्रिटिश हुकुमत घुटने टेक दिए और लगभग 200 साल बाद भारत को 15 अगस्त, 1947 के दिन आजादी मिली।
भारत की आजादी में 1857 की क्रांति की भूमिका
शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत की आजादी और अंग्रेजों को देश छोड़ने के पीछे 1857 की क्रांति की अहम् भूमिका रही है। कहा जाता है कि भारत की आजादी की पहली लड़ाई 1857 की क्रांति से ही शुरू हुई थी और धीरे-धीरे पूरे देश में आजादी की लहर दौड़ गई।
भारत की आजादी में चंपारण आंदोलन की भूमिका
कहा जाता है कि भारत की आजादी में चंपारण आंदोलन की भूमिका काफी अहम् रही है। चंपारण आंदोलन की वजह से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को तेजी मिली और देश के सभी नागरिक अपने हितों की लड़ाई के लिए सामने आने लगे। महात्मा गांधी की नेतृत्व में चली यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार को जड़ से हिला चुकी थी।
भारत की आजादी में जलियांवाला बाग हत्याकांड की भूमिका
13 अप्रैल 1919 में अमृतसर में हुई जलियांवाला बाग हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस घटना के बाद पूरे हिंदुस्तान में गुस्से का माहौल था और हर तरफ आजादी-आजादी के नारे लग रहे थे। इस घटना ने आजादी की लड़ाई में आग में घी डालने का काम किया।
भारत की आजादी में असहयोग आंदोलन की भूमिका
भारत की आजादी में और अंग्रेजों को देश को छोड़कर जाने में असहयोग आंदोलन की भूमिका भी बेहद खास रही है। 1920 में शुरू इस आंदोलन में बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया, वकीलों ने अदालत जाना छोड़ दिया, कई शहरों में आम लोगों ने काम करना बंद कर दिया या हड़ताल पर चले गए। इससे आजादी को बहुत बड़ी ताकत मिली।
पूर्ण स्वतंत्रता की मांग
साल 1921 में देश की आजादी के लिए कांग्रेस द्वारा पूर्ण स्वतंत्रता की मांग उठी और यह मांग देश भर में फैलने लगी। पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को लेकर देश भर में जगह-जगह कई सभाएं भी आयोजित किए गए थे।(लीजिए 10 महिला स्वतंत्रता सेनानियों से)
भारत की आजादी में सविनय अवज्ञा आंदोलन की भूमिका
भारत की आजादी में सविनय अवज्ञा आंदोलन की भूमिका बेहद खास मानी जाती है। इस आंदोलन को नमक नमक सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है। यह महत्मा गांधी ने नेतृत्व में शुरु अहिंसक आंदोलन था, जिसने ब्रिटिश हुकूमत की जड़े हिलाकर रख दिया था।
भारत की आजादी में गोलमेज सम्मेलन की भूमिका
भारत की आजादी में गोलमेज सम्मेलन की भूमिका भी अहम रही है। देश भर में तीन गोलमेज सम्मेलन हुआ था। इन तीनों गोलमेज सम्मेलन में अंग्रेज सरकार द्वारा भारत में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के साथ-साथ आजादी की भी चर्चा होती रहती थी।
भारत की आजादी में भारत छोड़ो आंदोलन की भूमिका
भारत की आजादी में भारत छोड़ो आंदोलन की भूमिका सबसे अधिक मानी जाती है। भारत छोड़ो आंदोलन सन 1942 में 8 अगस्त को शुरू हुआ था। इस आंदोलन के लगातार संघर्ष की वजह से 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश सरकार से भारत को आजादी मिल गई। आजादी मिलने के बाद हर साल देश भर में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत को आज़ादी मिलने के बाद 29 महीने बाद, 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ था. संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया था.
संविधान बनने की प्रक्रिया
- संविधान बनाने के लिए संविधान सभा का गठन किया गया था.
- संविधान सभा ने 9 दिसंबर, 1947 को अपना काम शुरू किया था.
- संविधान सभा के प्रमुख सदस्यों में जवाहरलाल नेहरू, डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद, डॉ॰ बाबा साहेब अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी
- और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शामिल थे.
- संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में कुल 114 दिन बैठक की थी.
- संविधान सभा के सदस्यों ने संविधान के हर अनुच्छेद पर बहस की थी.
भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था. संविधान सभा ने इसे बनाने में दो साल, ग्यारह महीने और अठारह दिन का समय लगाया था. इस दौरान उन्होंने कुल 166 बैठकें कीं.
भारत के संविधान के बारे में कुछ खास बातें:
- संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है.
- यह एक लिखित दस्तावेज़ है.
- यह नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का निर्धारण करता है.
- संविधान में संसदीय शासन प्रणाली का प्रावधान है.
- संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक, संसद में राष्ट्रपति और दो सदन होते हैं.
- संविधान के अनुच्छेद 74(1) के मुताबिक, राष्ट्रपति की सहायता के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिपरिषद होती है.
भारत ने संविधान को अपनाए 75 साल पूरे कर लिए हैं, और इस साल इसे 76वां गणतंत्र दिवस मनाने का मौका है। पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया, जब संविधान लागू हुआ। इस हिसाब से, 76वीं वर्षगांठ 2025 में होगी।
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Author: UP Tak News
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