UPPSC Protest: आयोग ने मांगी कुछ मांगे ? छात्र फिर भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। RO/ARO पदों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ये हैं उनकी नई मांगें। आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का आश्वासन देकर आयोग प्रतियोगी छात्रों को बरगला नहीं सकता है। दोनों परीक्षाओं को एक दिन एक शिफ्ट में कराने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के समझौते के बावजूद, प्रतियोगी छात्रों का धरना जारी है। छात्र आयोग के दो नंबर गेट के सामने खड़े हैं और जाने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन में कराने की घोषणा की जाए, तभी उनका आंदोलन समाप्त होगा। छात्रों की मांग है कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक ही शिफ्ट में करने की तरह, आरओ-एआरओ परीक्षा का भी एक दिन में एक शिफ्ट में होने का लिखित आश्वासन दिया जाए, तब वे अपना धरना समाप्त करेंगे।
छात्रों का कहना है कि आरओ-एआरओ परीक्षा के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का आश्वासन देकर आयोग प्रतियोगी छात्रों को बरगला नहीं सकता है। दोनों परीक्षाओं को एक दिन एक शिफ्ट में कराने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था। आयोग ने एक ही परीक्षा की मांग मानी है, जबकि आरओ एआरओ परीक्षा को एक दिन में कराने के लिए कोई फैसला नहीं किया है।
UPPSC RO/ARO परीक्षा को लेकर फंसा है पेच
अभ्यर्थी आयोग के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं और एक दिन में आरओ-एआरओ परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। आयोग के सचिव ने बताया कि इस परीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा के आयोजन का फैसला होगा, लेकिन छात्र इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं। वे चाहते हैं कि आयोग परीक्षा एक दिन में कराने का नोटिस जारी करे, जैसे कि पीसीएस परीक्षा के लिए किया गया है।
UPPSC PROTEST: RO/ARO परीक्षा में पंजीकृत हैं 10 लाख से अधिक अभ्यर्थी
आरओ/एआरओ परीक्षा में तो 1076004 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं, जिनकी संख्या पीसीएस परीक्षा के मुकाबले कहीं अधिक है। शासनादेश के अनुसार ऐसे परीक्षा केंद्र न बनाएं जाएं जो प्राइवेट या अधोमानक हों। शासनादेश के अनुसार कलेक्ट्रेट/कोषागार से 20 किमी की परिधि तक परीक्षा केंद्रों के विस्तार की कोशिश की गई है। विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों मेडिकल कॉलेजों, इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी शामिल करने की कोशिश की गई, लेकिन पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल सके।
जब पर्याप्त परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं हो पाए, तब एक से अधिक दिनों में परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया। इन हालात में, प्रसामान्यीकरण की प्रक्रिया अपनाई गई, जो उच्चतम न्यायालय द्वारा 7 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य बनाम अतुल कुमार द्विवेदी व अन्य के मामले में सही ठहराई गई।
UPPSC पीसीएस में पंजीकृत हैं 576978
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए प्रदेश के 75 जिलों में 1758 केंद्रों की जरूरत थी लेकिन आयोग को 55 फीसदी ही केंद्र मिल सके थे। पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए 576154 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं और आयोग को 978 परीक्षा केंद्र ही मिल सके।
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Author: UP Tak News
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